श्री बगलामुखी कवच

माँ बगलामुखी का दिव्य कवच जो सभी प्रकार के शत्रुओं, बाधाओं और विपत्तियों से रक्षा करता है

श्री बगलामुखी कवच

बगलामुखी कवच का परिचय

श्री बगलामुखी कवच एक अत्यंत शक्तिशाली आध्यात्मिक सुरक्षा कवच है, जो माँ बगलामुखी की दिव्य शक्ति से साधक की रक्षा करता है। यह कवच शत्रुओं के प्रभाव को नष्ट करता है, न्यायालय के मामलों में विजय दिलाता है, और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है।

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में वर्णित यह कवच माँ बगलामुखी की स्तंभन शक्ति का प्रतीक है। इसका नियमित पाठ करने से साधक के चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच का निर्माण होता है, जो उसे सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी नज़र, और शत्रुओं के प्रभाव से बचाता है।

श्री बगलामुखी कवच - पूर्ण पाठ

॥ अथ श्री बगलामुखी कवचम् ॥

ॐ अस्य श्री बगलामुखी कवच स्तोत्र महामन्त्रस्य।
ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्री बगलामुखी देवता।
ह्लीं बीजं, स्त्रीं शक्तिः, क्लीं कीलकम्।
सर्वशत्रु विनाशनार्थे पाठे विनियोगः॥

ॐ ह्लीं शिरः पातु बगला पीताम्बरधारिणी।
ललाटं पातु मे नित्यं सर्वशत्रु विनाशिनी॥

नेत्रे पातु महाशक्तिः कर्णौ पातु महाबला।
नासिकां पातु वरदा वदनं पातु पार्वती॥

जिह्वां पातु महामाया कण्ठं पातु शिवप्रिया।
स्कन्धौ पातु महादेवी बाहू पातु सरस्वती॥

करौ पातु विशालाक्षी हृदयं पातु भैरवी।
स्तनौ पातु महालक्ष्मी कुक्षिं पातु शुभप्रदा॥

नाभिं पातु महाकाली पृष्ठं पातु सुरेश्वरी।
गुह्यं पातु महाविद्या ऊरू पातु महोदरी॥

जानुनी पातु कौमारी जङ्घे पातु महेश्वरी।
पादौ पातु महारौद्री सर्वाङ्गं पातु चण्डिका॥

पूर्वे पातु महाशक्तिः दक्षिणे पातु वैष्णवी।
पश्चिमे पातु कौमारी उत्तरे पातु चामुण्डा॥

ऊर्ध्वं पातु महालक्ष्मीः अधः पातु महोदरी।
सर्वतः पातु सर्वेशी सर्वशत्रु विनाशिनी॥

इति ते कथितं देवि कवचं परमाद्भुतम्।
सर्वशत्रु विनाशाय सर्वसिद्धिप्रदायकम्॥

इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेन्मन्त्रमुत्तमम्।
न तस्य जायते सिद्धिः कल्पकोटिशतैरपि॥

इदं कवचं महापुण्यं त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
सर्वशत्रुविनाशं च लभते नात्र संशयः॥

॥ इति श्री बगलामुखी कवचं सम्पूर्णम् ॥

बगलामुखी कवच के लाभ

  • शत्रुओं के प्रभाव से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है
  • न्यायालय के मामलों में विजय दिलाता है
  • नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से रक्षा करता है
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है
  • जीवन की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करता है
  • आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य कृपा प्राप्त करने में सहायक
  • तांत्रिक प्रयोगों और काला जादू से सुरक्षा प्रदान करता है
  • वाणी में मधुरता और प्रभावशाली व्यक्तित्व का विकास करता है

कवच पाठ विधि

  1. तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और माँ बगलामुखी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पीले वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: पीले आसन पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. संकल्प: कवच पाठ से पहले संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य से यह पाठ कर रहे हैं।
  4. मंत्र जाप: कवच पाठ से पहले बगलामुखी बीज मंत्र "ॐ ह्लीं" का 11 बार जाप करें।
  5. कवच पाठ: पूरे मन से एकाग्र होकर कवच का पाठ करें।
  6. समय: प्रातः, मध्याह्न, और सायंकाल (त्रिसंध्या) में कवच का पाठ करना सर्वोत्तम है।
  7. अवधि: कम से कम 11, 21, या 41 दिनों तक नियमित रूप से कवच का पाठ करें।
  8. समापन: पाठ के बाद माँ को प्रणाम करें और पीली मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।

विशेष अनुष्ठान विधि

बगलामुखी कवच की विशेष सिद्धि के लिए निम्नलिखित अनुष्ठान विधि का पालन करें:

  1. अनुष्ठान काल: पूर्णिमा से शुरू करके 11 दिनों तक अनुष्ठान करें।
  2. पाठ संख्या: प्रतिदिन 11 बार कवच का पाठ करें।
  3. विशेष सामग्री: पीला चंदन, केसर, हल्दी, पीले फूल, और पीली मिठाई का उपयोग करें।
  4. यंत्र: बगलामुखी यंत्र पर कवच का पाठ करने से शक्ति बढ़ती है। यंत्र को पीले कपड़े में लपेटकर रखें।
  5. ताबीज: कवच को भोजपत्र पर लिखकर पीले कपड़े में लपेटकर ताबीज के रूप में धारण करें।
  6. होम: अनुष्ठान के अंतिम दिन पीले चावल, हल्दी, और घी से होम करें।

सावधानियां

  • बगलामुखी कवच का पाठ केवल सकारात्मक उद्देश्यों के लिए ही करें।
  • कवच पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • पाठ के दौरान पीले वस्त्र धारण करें और सात्विक आहार लें।
  • कवच पाठ नियमित रूप से एक ही समय पर करें।
  • अनुष्ठान के दौरान मांसाहार, मदिरा, और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
  • विशेष अनुष्ठान के लिए अनुभवी गुरु का मार्गदर्शन लें।
  • कवच को अन्य लोगों को न बताएं, यह व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बगलामुखी कवच का पाठ कोई भी कर सकता है?

हाँ, बगलामुखी कवच का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हालांकि, विशेष अनुष्ठान के लिए गुरु से दीक्षा लेना उत्तम होता है।

क्या कवच पाठ के लिए कोई विशेष दिन होता है?

मंगलवार और गुरुवार को बगलामुखी कवच का पाठ विशेष फलदायी होता है। अष्टमी तिथि भी शुभ मानी जाती है।

क्या कवच को लिखकर धारण किया जा सकता है?

हाँ, कवच को भोजपत्र या पीले कागज पर केसर या हल्दी से लिखकर पीले कपड़े में लपेटकर ताबीज के रूप में धारण किया जा सकता है। इससे निरंतर सुरक्षा मिलती है।

क्या कवच पाठ से न्यायालय के मामलों में मदद मिलती है?

हाँ, बगलामुखी कवच का नियमित पाठ न्यायालय के मामलों में विजय प्राप्त करने में विशेष रूप से सहायक होता है। इससे शत्रुओं की वाणी स्तंभित होती है और सत्य की जीत होती है।

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