॥ श्री बगलामुखी पूजा ॥

श्री बगलामुखी पूजा विधि

माँ बगलामुखी की प्रामाणिक पूजा विधि जो शत्रुओं पर विजय, न्यायालय में सफलता और सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करती है।

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2-3 घंटे
श्री बगलामुखी पूजा

बगलामुखी पूजा का परिचय

श्री बगलामुखी पूजा हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली अनुष्ठानों में से एक है। माँ बगलामुखी दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या हैं, जिन्हें पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता है। वे स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं, जो शत्रुओं की वाणी और कर्म को स्तंभित कर देती हैं।

बगलामुखी पूजा विशेष रूप से शत्रुओं पर विजय, न्यायालय के मामलों में सफलता, नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा, और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। इस पूजा का विधिवत अनुष्ठान करने से साधक को माँ बगलामुखी की दिव्य कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में वर्णित इस पूजा विधि का पालन करके साधक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति पा सकता है।

पूजा विधि

  1. 1संकल्प: पूजा का संकल्प लेकर माँ बगलामुखी का ध्यान करें।
  2. 2स्थापना: पीले आसन पर माँ बगलामुखी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. 3आवाहन: माँ बगलामुखी का आवाहन करें और पंचोपचार पूजा करें (गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य)।
  4. 4मंत्र जाप: बगलामुखी बीज मंत्र "ॐ ह्लीं" या मूल मंत्र "ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा" का जाप करें।
  5. 5अर्चना: माँ बगलामुखी के 108 नामों का पाठ करें।
  6. 6आरती: माँ बगलामुखी की आरती करें।
  7. 7प्रसाद: पीली मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं और वितरित करें।
  8. 8क्षमा याचना: पूजा के अंत में क्षमा याचना करें और माँ से आशीर्वाद लें।

पूजा सामग्री

  • पीला वस्त्र (माँ को अर्पित करने के लिए)
  • पीले फूल (विशेषकर गेंदा)
  • पीला चंदन
  • हल्दी
  • केसर
  • पीली मिठाई (बूंदी के लड्डू, केसर पेड़ा आदि)
  • पीले फल (केला)
  • पीला आसन
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी)
  • गंगाजल
  • धूप, दीप, अगरबत्ती
  • कपूर
  • पीतल का कलश
  • नारियल

शुभ मुहूर्त

बगलामुखी पूजा के लिए निम्नलिखित समय विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं:

  • मंगलवार और गुरुवार: ये दिन माँ बगलामुखी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  • अष्टमी तिथि: हर महीने की अष्टमी तिथि पर पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है।
  • नवरात्रि: नवरात्रि के दौरान पूजा का विशेष महत्व है, विशेषकर अष्टमी के दिन।
  • पीताम्बरा जयंती: माँ बगलामुखी के जन्मदिवस पर पूजा करना अत्यंत शुभ होता है।
  • ग्रहण काल: सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय की गई पूजा विशेष फलदायी होती है।
  • राहुकाल: कुछ विशेष अनुष्ठानों के लिए राहुकाल भी शुभ माना जाता है।

विशेष अनुष्ठान

विशेष फल प्राप्ति के लिए निम्नलिखित अनुष्ठान किए जा सकते हैं:

  1. बगलामुखी सहस्त्रनाम पाठ: माँ बगलामुखी के 1000 नामों का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
  2. बगलामुखी कवच पाठ: बगलामुखी कवच का पाठ करने से शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है।
  3. बगलामुखी यंत्र पूजन: बगलामुखी यंत्र की स्थापना और पूजन करने से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है।
  4. बगलामुखी होम: पीले चावल, हल्दी, और घी से होम करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है।
  5. बगलामुखी अनुष्ठान: 11, 21, या 41 दिनों का विशेष अनुष्ठान करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।

पूजा गैलरी

बगलामुखी पूजा
बगलामुखी पूजा सामग्री
बगलामुखी यंत्र पूजन

बगलामुखी पूजा के लाभ

  • शत्रुओं पर विजय और उनकी वाणी को स्तंभित करना
  • न्यायालय के मामलों में सफलता
  • नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से सुरक्षा
  • वाणी में मधुरता और प्रभावशाली व्यक्तित्व का विकास
  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि
  • जीवन की बाधाओं और कठिनाइयों का निवारण
  • तांत्रिक प्रयोगों और काला जादू से सुरक्षा
  • आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य कृपा की प्राप्ति

पूजा संबंधी जानकारी

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ईमेल:info@baglamukhipuja.com
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बगलामुखी पूजा घर पर की जा सकती है?

हाँ, बगलामुखी पूजा घर पर भी की जा सकती है। हालांकि, विशेष अनुष्ठानों के लिए अनुभवी पंडित या गुरु का मार्गदर्शन लेना उचित होता है। घर पर पूजा करते समय सभी विधि-विधानों का पालन करना आवश्यक है।

क्या महिलाएँ भी बगलामुखी पूजा कर सकती हैं?

हाँ, महिलाएँ भी बगलामुखी पूजा कर सकती हैं। हालांकि, मासिक धर्म के दौरान पूजा से बचना चाहिए। पूजा के दौरान पीले वस्त्र धारण करना और सात्विक आहार लेना सभी के लिए आवश्यक है।

क्या बगलामुखी पूजा से न्यायालय के मामलों में मदद मिलती है?

हाँ, बगलामुखी पूजा न्यायालय के मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। यह शत्रुओं की वाणी को स्तंभित करती है और सत्य की जीत में सहायक होती है। न्यायालय जाने से पहले बगलामुखी मंत्र का जाप करना और हल्दी का तिलक लगाना लाभदायक होता है।

क्या बगलामुखी पूजा के दौरान कोई विशेष आहार लेना चाहिए?

हाँ, बगलामुखी पूजा के दौरान सात्विक आहार लेना चाहिए। मांसाहार, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। पीले रंग के भोजन जैसे हल्दी वाली दाल, केसर खीर आदि का सेवन शुभ होता है। पूजा के दिन व्रत रखना भी उत्तम माना जाता है।

माँ बगलामुखी की कृपा प्राप्त करें

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